इसी बीच श्रद्धालुओं की श्रद्धा से लाभ कमाने सरकार की डाक सेवा इकाई अपना पांव पसारते हुए सरकारी कोरोना प्रोटोकॉल का मजाक बनाते दिखे।
सावन के पहली सोमवारी के भीड़ को आधार मानते हुए दूसरे सोमवारी को डाक विभाग आस्था की आड़ में अपना बिजनेस करने आ पहुंची। जी हां, डाक विभाग 30 रुपये प्रति बोतल की दर से मंदिर के पीछे गंगाजल बेच रही है।
ना मास्क ना दूरी, क्या जिंदगी नही है जरूरी ?