समाजसेवी- साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अपने निवास 'वृंदावन' में नारियल दिवस मनाते हुए इसके उद्देश्यों को विस्तार से बताया. नारियल की खेती के प्रति लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने, इसकी अहमियत बताने एवं इस फसल की ओर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने के लिए कुछ लोगों के बीच डॉ.मधेपुरी ने नारियल के पेड़ों का वितरण भी किया. जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 2009 से हर साल 2 सितंबर को दुनिया में 'विश्व नारियल दिवस' मनाया जाता है.
नारियल एक बेहद उपयोगी फल है। नारियल देर से पचने वाला, मूत्राशय शोधक, ग्राही, पुष्टिकारक, बलवर्धक, रक्तविकार नाशक, दाहशामक तथा वात-पित्त नाशक है। नारियल की तासीर ठंडी होती है। नारियल का पानी हल्का, प्यास बुझाने वाला, अग्निप्रदीपक, वीर्यवर्धक तथा मूत्र संस्थान के लिए बहुत उपयोगी होता है। नारियल प्रकृति प्रदत्त उत्पादों में एक है- 'नारियल' जिसके बहुमुखी उपयोग हैं. आयुर्वेदिक उपयोग के अतिरिक्त खाने-पीने एवं कॉस्मेटिक से लेकर भारतीय व विदेशी व्यंजनों में भी नारियल का उपयोग किया जाता है. डॉ. मधेपुरी ने यह भी कहा कि न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से बल्कि आर्थिक रूप से भी नारियल महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. विश्व में नारियल उत्पादक 18 देशों में भारत भी शामिल है. सबसे ज्यादा नारियल का उत्पादन इंडोनेशिया करता है. तभी तो इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भी विश्व नारियल समुदाय का हेड ऑफिस स्थापित किया गया है.